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ढाई बजे की बस

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4.2

इतनी रात का सफर किसे अच्छा लगता है भला? मगर क्या किया जाए? वहाँ के लिए बस ही रात को दो बजे के बाद मिलती है। वह भी इस शहर से नहीं बल्कि दूसरे शहर जाकर। यह तो वैसे भी कोई शहर नहीं है, कस्बा है कस्बा। ...