एक दिन दोपहर के समय एक बिना नंबर प्लेट की कार गाँव के बस स्टैंड पर रुकी। उसमें से एक व्यक्ति बाहर निकलकर नाई की दुकान में गया वहाँ उसने अपनी हजामत करवाई। अब खुद दूसरे की हजामत करने के लिए गाँव के ...
बेहतरीन रचना! सही कहा गया है कि धन की तीन गति होती हैं। या तो व्यक्ति अपने ऊपर खर्च कर ले, या तो दान-पुण्य में लगा दे। यदि ये दोनों काम नहीं किए, तो आपका धन ठलुए खाते हैं। बेचारी माताजी! न माया मिली न राम।
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बेहतरीन रचना! सही कहा गया है कि धन की तीन गति होती हैं। या तो व्यक्ति अपने ऊपर खर्च कर ले, या तो दान-पुण्य में लगा दे। यदि ये दोनों काम नहीं किए, तो आपका धन ठलुए खाते हैं। बेचारी माताजी! न माया मिली न राम।
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