मेरा सफर एक जुलाई 2020 से शुरू हुआ।
शोपिजन द्वारा मेरी पहली पुस्तक प्रकाशित की गई है "घरौंदा मेरे मन का"आप सभी इस पुस्तक को शोपिजन से मंगा सकते हैं।
मै एक गृहिणी हूँ ।
लेकर लेखिनी का यान ,भरती कल्पना की उड़ान।
मंजिल का नहीं ठिकाना, कुछ ख़ुद को समझना है।
कुछ तुम को है समझाना ।
मेरे धारावाहिक।
खुद अपनी कहानी की नायिका (7)
काला कलंक (8)
हाथ थामे रखना (9)
खामोशी (13)
अस्तित्व की पहचान (30)भाग
तू छुपी थी कहाँ (31)भाग
स्पेशल हास्य व्यंग्य (पति पत्नी की खट्टी मीठी नोकझोंक) काव्य रूप में दो भाग मे (200)का कलेक्शन
कहानी ( स्वर्णिम प्रकाश )
लघु कथा कलेक्शन तकरीबन (50)
लेख और डायरी अतिरिक्त
रिपोर्ट की समस्या
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