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जूते सूंघने पड़ गए तो छूट गई शैतानी

4.1
830

#स्कूलकीयादें वो शैतान थी, उसको सबक सिखाने के लिए जूतों का लिया गया सहारा

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लेखक के बारे में
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Santoshi Pandey

लिखने का शौक है जिसने मुझे पत्रकारिता की तरफ प्रेरित किया। नवभारत टाइम्स अखबार और वेब पोर्टल पर काम कर चुकी हूं। अपने आस-पास की घटनाओं को अपने शब्दों में पिरोकर आपतक पहुंचाने की एक छोटी सी कोशिश है। आप लोगों का स्नेह मिलता रहे यही आशा है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 सितम्बर 2019
    जूता सूंघगना कोई बुरी बात नहीं । जूता सूंघना एक रामबाण दवा है जिस व्यक्ति को मिरगी का दोरा पडे उसे जूता सुघाना चाहिये वह तुरन्त ठीक हो जायेगा । जूता सूंघने की जो सजा मिली तो सोच लेना का हमें मिरगी का दोरा पड गया था
  • author
    Shyam Hardaha
    07 सितम्बर 2019
    इस तरह की सजा नहीं दी जानी चाहिए
  • author
    Aditi Jain "Ashadi"
    07 सितम्बर 2019
    pls read my poetry
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  • author
    11 सितम्बर 2019
    जूता सूंघगना कोई बुरी बात नहीं । जूता सूंघना एक रामबाण दवा है जिस व्यक्ति को मिरगी का दोरा पडे उसे जूता सुघाना चाहिये वह तुरन्त ठीक हो जायेगा । जूता सूंघने की जो सजा मिली तो सोच लेना का हमें मिरगी का दोरा पड गया था
  • author
    Shyam Hardaha
    07 सितम्बर 2019
    इस तरह की सजा नहीं दी जानी चाहिए
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    Aditi Jain "Ashadi"
    07 सितम्बर 2019
    pls read my poetry