वही जीतू, जिसे आज भी पांडवो के समकक्ष पूजा जाता है गढवाल में, कुलदेवता के रूप में। तो ये बात तब की है, जब मुगल शाशको नें अरब से आकर राजस्थान के रजवाड़ों की नीवें हिला दी थी। इन युद्धो से थक कर ...
वही जीतू, जिसे आज भी पांडवो के समकक्ष पूजा जाता है गढवाल में, कुलदेवता के रूप में। तो ये बात तब की है, जब मुगल शाशको नें अरब से आकर राजस्थान के रजवाड़ों की नीवें हिला दी थी। इन युद्धो से थक कर ...