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जीतू बगडवाल : गढवाल का महानायक

4.2
2363

वही जीतू, जिसे आज भी पांडवो के समकक्ष पूजा जाता है गढवाल में, कुलदेवता के रूप में। तो ये बात तब की है, जब मुगल शाशको नें अरब से आकर राजस्थान के रजवाड़ों की नीवें हिला दी थी। इन युद्धो से थक कर ...

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लेखक के बारे में
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पंकज' चौहान

लिखना पसंद है मुझे, पढना भी। बाकी कुछ खास नहीं। सवाल, सलाह या संवाद [email protected] पर कर सकते हैं। पंकज।

समीक्षा
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    Poonam Kaparwan pikku
    31 அக்டோபர் 2019
    रुला दिया आपने पंकज जी ।कितने अभागे है हम उत्तराखंड का प्रेम भरा इतिहास से मरहूम थे ।जीत महान थे उतरराखणड की जान जीतू देवता है ।रक्षक है आछरियां हर ले गई मैं आपका आभार प्रकट करती हूँ इतना खूबसूरती से लेखन पर इतिहास पर ।
  • author
    12 ஜூலை 2019
    जितनी सुन्दर कथा है, उतनी ही सुंदरता से आपने इसे लिखा है। मैं इस कथा से अवगत नहीं था। अवगत करवाने का शुक्रिया। ऐसे ही लिखते रहें।
  • author
    अचलेश
    09 ஜூலை 2018
    सुन्दर प्रस्तुति
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    Poonam Kaparwan pikku
    31 அக்டோபர் 2019
    रुला दिया आपने पंकज जी ।कितने अभागे है हम उत्तराखंड का प्रेम भरा इतिहास से मरहूम थे ।जीत महान थे उतरराखणड की जान जीतू देवता है ।रक्षक है आछरियां हर ले गई मैं आपका आभार प्रकट करती हूँ इतना खूबसूरती से लेखन पर इतिहास पर ।
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    12 ஜூலை 2019
    जितनी सुन्दर कथा है, उतनी ही सुंदरता से आपने इसे लिखा है। मैं इस कथा से अवगत नहीं था। अवगत करवाने का शुक्रिया। ऐसे ही लिखते रहें।
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    अचलेश
    09 ஜூலை 2018
    सुन्दर प्रस्तुति