आज तुमरा कितना जमा हुआ रे घाट पर खड़ी सोनीया अपने गीले कपड़ों को निचोड़ते हुए सामने खड़े अपने चारों भाइयों से पूछ रही थी हम सब का मिलाके ,200 रूपया हुआ। सोनीया उसका नाम तो मां बाप ने बड़े प्यार से ...
कैरेक्टर कभी खड़ी हिन्दी मे बात करते हैं कभी देहाती मे। अकसर टर्निंग प्वाइंट के ठीक पहले हताशा ही क्यों दिखाई जाती है। ज़रूरी तो नहीं था कि जिस दिन कोई कमाई ना हुई हो उस ही दिन कोई बच्चा फेंके। बड़ा घिस गया है ये चलन।
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कैरेक्टर कभी खड़ी हिन्दी मे बात करते हैं कभी देहाती मे। अकसर टर्निंग प्वाइंट के ठीक पहले हताशा ही क्यों दिखाई जाती है। ज़रूरी तो नहीं था कि जिस दिन कोई कमाई ना हुई हो उस ही दिन कोई बच्चा फेंके। बड़ा घिस गया है ये चलन।
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