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हिन्दी

जल अम्मा#ओवुमनिया

4.7
956

आज तुमरा कितना जमा हुआ रे घाट पर खड़ी सोनीया अपने गीले  कपड़ों को निचोड़ते हुए सामने खड़े  अपने चारों भाइयों से पूछ रही थी हम सब का मिलाके ,200 रूपया हुआ। सोनीया उसका नाम तो मां बाप ने बड़े प्यार से ...

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लेखक के बारे में
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Sadaf

,,बोल के लब आजाद हैं तेरे,,

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 ਮਾਰਚ 2019
    nice
  • author
    Tilak Raj
    14 ਮਾਰਚ 2019
    बहुत सुंदर।
  • author
    Vivek Singh
    13 ਮਾਰਚ 2019
    कैरेक्टर कभी खड़ी हिन्दी मे बात करते हैं कभी देहाती मे। अकसर टर्निंग प्वाइंट के ठीक पहले हताशा ही क्यों दिखाई जाती है। ज़रूरी तो नहीं था कि जिस दिन कोई कमाई ना हुई हो उस ही दिन कोई बच्चा फेंके। बड़ा घिस गया है ये चलन।
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    14 ਮਾਰਚ 2019
    nice
  • author
    Tilak Raj
    14 ਮਾਰਚ 2019
    बहुत सुंदर।
  • author
    Vivek Singh
    13 ਮਾਰਚ 2019
    कैरेक्टर कभी खड़ी हिन्दी मे बात करते हैं कभी देहाती मे। अकसर टर्निंग प्वाइंट के ठीक पहले हताशा ही क्यों दिखाई जाती है। ज़रूरी तो नहीं था कि जिस दिन कोई कमाई ना हुई हो उस ही दिन कोई बच्चा फेंके। बड़ा घिस गया है ये चलन।