pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

*छोटे के दिन खोटे* हास्य कविता

65
4.7

*****************(Ravi jangid)************ एक थे हमारे श्रीमान जी छोटे.... 1आंख सुजवाकर हाथ पांव छिलवाकर एक दिन घर लौटे.... देखकर छोटे को पत्नी घबराई... और छोटे के पास दौड़ी दौड़ी आई.... भर ली अपने ...