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चाँद का दाग (Chand Ka Daag) 2nd Prize Winner 🏆🥈

4.8
638

चाँद का दाग (Chand Ka Daag) वी आर रेडी टू गो इन 100, 99, 98.... काउंटडाउन स्टार्ट हो चुका था। जिओसिंक्रोनोअस सैटेलाइट लांच वेहिकल एमकेIII-डी-2 के कॉकपिटशिप केबिन में उस वक़्त चार लोग थे। बाहर सबकी ...

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लेखक के बारे में

सहर करीब दस साल से पढ़ने और लिखने के शौक को काम की तरह करते हैं। तीन साल से अपना ब्लॉग लिख रहे हैं। खुद को अति-प्रैक्टिकल मानते हैं इसलिए इनकी कहानियों में भी प्रैक्टिकल ज्ञान साफ़ झलकता है। फ़िलहाल, प्राइवेट कंपनी में एडमिनिस्ट्रेटर हैं और अपने घर में राइटर। कहानियां लिखते हैं, गज़लें लिखते थे, अब इन दिनों उपन्यास लिख रहे हैं। आगे क्या लिखेंगे इसका क़तई कोई ज्ञान नहीं पर लिखते रहेंगे,इसका भरोसा है। अधिक जानकारी के लिए फेसबुक पर जुड़े अथवा ट्विटर पर फॉलो करें। /Siddhartarora2812 - Facebook @SiddheartA - Twitter

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    एकांत "प्रचेता"
    21 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    बेहतरीन! अद्भुत!! मैने सभी कहानियाँ तो नही पढ़ी सायंस फिक्शन प्रतियोगिता मे जो जीते है, पर जितनी भी पड़ी, वह सब विज्ञान कथा तो बिल्कुल नही थे और मेरे हिसाब से तो जीतने भी नही चाहिए थे। आपकी कहानी सही मायने मे विज्ञान कथा थी। सब कह रहे थे कि आपकी कहानी को प्रथम स्थान मिलना चाहिए था और वह सही था। लेखनी आपकी अच्छी है। टॉपिक भी बढ़िया था। कहानी मे कुछ कमी नही है, सिवाय कुछ जगहों के छोटी-मोटी व्याकरण और वर्तनी गलतियों के अलावा। फिर आपने जो टेक्निकल ज्ञान दिया है, उससे कहानी वास्तविकता के करीब चली गई थी, लेकिन यही इस कहानी का बुरा पॉइंट भी है। आम पाठक इनमे से अधिकांश या कुछ बातें समझ नही पाएंगा। साथ ही उस डार्क मैटर का रहस्य अधूरा ही छोड़ दिया आपने। पूरा मिशन उसी पर था। उसी लिए एक स्टार कम दिया। ऐसे आपकी मेहनत का यह अपमान होगा, मगर डार्क मैटर का रहस्य जानने की उत्सुकता मुझे मजबूर कर रही है। भविष्य मे इस कहानी को आगे जरूर बढ़ायेगा। मुझे लगता है कि प्रतिलिपि के जजो को कहानी मे मोजूद टेक्निकल बातें समझ ही आई इसलिए इसे दूसरा स्थान दिया और बचकानी कहानी को जीता दिया।
  • author
    01 മെയ്‌ 2020
    जी इस कहानी को प्रथम पारितोषिक मिलना चाहिए था प्रतिलिपि वाले हमेशा भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अपनाते हैं यही समझ नहीं आ रहा जिस कहानी में कोई दम नहीं था उस कहानी को प्रथम पारितोषिक और इतनी अच्छी कहानी को तृतीय पारितोषिक यह तो बहुत ही गलत है साइंस फिक्शन के इस रिजल्ट से मैं सहमत नहीं हूं प्रतिलिपि वालों को गहराई से सोचना चाहिए और इनकी इस कहानी में इनकी रिसर्च लिखकर आती है आपने जो बहुत ही मेहनत की है इस कहानी के पीछे बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
  • author
    Rudrapratap Singh "Tiger"
    12 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    क्या बात है साइंस फिक्शन के मामले में इतनी अच्छी स्टोरी आज तक नहीं पढ़ी,ऐसा लग रहा था जैसे सचमुच में हम ही चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंच गए हैं साइंस फिक्शन को देशभक्ति से जोड़ती हुई कहानी थी जिससे हर देशवासी को अपने हिंदुस्तानी होने पर गर्व महसूस होता है लेकिन सर आप कहानी के पीछे सस्पेंस भी छोड़ गए चांद पर ही रुक गए साइंटिस्ट अमन का क्या हुआ, और वह मैटर लिक्विड असल में क्या था क्या वह सच में कोई ऊर्जा का स्त्रोत है या फिर इंसानियत पर गिरने वाली कोई मुसीबत.. आप इसका पार्ट 2 जरूर रखना कब लाएंगे
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    एकांत "प्रचेता"
    21 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    बेहतरीन! अद्भुत!! मैने सभी कहानियाँ तो नही पढ़ी सायंस फिक्शन प्रतियोगिता मे जो जीते है, पर जितनी भी पड़ी, वह सब विज्ञान कथा तो बिल्कुल नही थे और मेरे हिसाब से तो जीतने भी नही चाहिए थे। आपकी कहानी सही मायने मे विज्ञान कथा थी। सब कह रहे थे कि आपकी कहानी को प्रथम स्थान मिलना चाहिए था और वह सही था। लेखनी आपकी अच्छी है। टॉपिक भी बढ़िया था। कहानी मे कुछ कमी नही है, सिवाय कुछ जगहों के छोटी-मोटी व्याकरण और वर्तनी गलतियों के अलावा। फिर आपने जो टेक्निकल ज्ञान दिया है, उससे कहानी वास्तविकता के करीब चली गई थी, लेकिन यही इस कहानी का बुरा पॉइंट भी है। आम पाठक इनमे से अधिकांश या कुछ बातें समझ नही पाएंगा। साथ ही उस डार्क मैटर का रहस्य अधूरा ही छोड़ दिया आपने। पूरा मिशन उसी पर था। उसी लिए एक स्टार कम दिया। ऐसे आपकी मेहनत का यह अपमान होगा, मगर डार्क मैटर का रहस्य जानने की उत्सुकता मुझे मजबूर कर रही है। भविष्य मे इस कहानी को आगे जरूर बढ़ायेगा। मुझे लगता है कि प्रतिलिपि के जजो को कहानी मे मोजूद टेक्निकल बातें समझ ही आई इसलिए इसे दूसरा स्थान दिया और बचकानी कहानी को जीता दिया।
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    01 മെയ്‌ 2020
    जी इस कहानी को प्रथम पारितोषिक मिलना चाहिए था प्रतिलिपि वाले हमेशा भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अपनाते हैं यही समझ नहीं आ रहा जिस कहानी में कोई दम नहीं था उस कहानी को प्रथम पारितोषिक और इतनी अच्छी कहानी को तृतीय पारितोषिक यह तो बहुत ही गलत है साइंस फिक्शन के इस रिजल्ट से मैं सहमत नहीं हूं प्रतिलिपि वालों को गहराई से सोचना चाहिए और इनकी इस कहानी में इनकी रिसर्च लिखकर आती है आपने जो बहुत ही मेहनत की है इस कहानी के पीछे बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
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    Rudrapratap Singh "Tiger"
    12 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    क्या बात है साइंस फिक्शन के मामले में इतनी अच्छी स्टोरी आज तक नहीं पढ़ी,ऐसा लग रहा था जैसे सचमुच में हम ही चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंच गए हैं साइंस फिक्शन को देशभक्ति से जोड़ती हुई कहानी थी जिससे हर देशवासी को अपने हिंदुस्तानी होने पर गर्व महसूस होता है लेकिन सर आप कहानी के पीछे सस्पेंस भी छोड़ गए चांद पर ही रुक गए साइंटिस्ट अमन का क्या हुआ, और वह मैटर लिक्विड असल में क्या था क्या वह सच में कोई ऊर्जा का स्त्रोत है या फिर इंसानियत पर गिरने वाली कोई मुसीबत.. आप इसका पार्ट 2 जरूर रखना कब लाएंगे