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चंचल मन

80
4.6

ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती हूँ    सब कुछ भूलना चाहती हूँ पुराने लम्हों को भुला   नए लम्हे   यादगार बनाना चाहती हूँ   खुशियों को ढूंढ़ने के बजाये हर लम्हा खुशगंवार बनाना चाहती हूँ    ज़िंदगी का ...