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चंचल मन

4.6
80

ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती हूँ    सब कुछ भूलना चाहती हूँ पुराने लम्हों को भुला   नए लम्हे   यादगार बनाना चाहती हूँ   खुशियों को ढूंढ़ने के बजाये हर लम्हा खुशगंवार बनाना चाहती हूँ    ज़िंदगी का ...

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लेखक के बारे में
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Meenakshi Gupta

मैं एक गृहिणी हूँ .मैनें बीएससी.बीएड मेडिकल स्ट्रीम से और एम् ऐ इंग्लिश में की है. मुझे लिखने का शौक है जिसे कविता के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ .मुझे पूरी उम्मीद है की आप मेरी कविताओं को पसंद करेंगे

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 जनवरी 2019
    जो चाहा वो मिलता नहीं... सही कहा आपने.. एक ओर खूबसूरत रचना.....,
  • author
    Asha Shukla ""Asha""
    23 मार्च 2019
    बेहद खूबसूरत रचना!!!👌👌💐💐
  • author
    Dr. Santosh Chahar "ज़ोया"
    04 दिसम्बर 2018
    जिंदगी का दस्तूर यही है।
  • author
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  • author
    11 जनवरी 2019
    जो चाहा वो मिलता नहीं... सही कहा आपने.. एक ओर खूबसूरत रचना.....,
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    Asha Shukla ""Asha""
    23 मार्च 2019
    बेहद खूबसूरत रचना!!!👌👌💐💐
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    Dr. Santosh Chahar "ज़ोया"
    04 दिसम्बर 2018
    जिंदगी का दस्तूर यही है।