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घुटन

4.6
5579

घुटन शाम का समय ठंडी हवाएं और सर्दी का मौसम । सब ओर शीतलता पर भीतर की उष्णता से मैं त्रस्त हो चुकी थी । मैं कहां से कहां पहुंच चुकी थी खुद से ही लज्जित हो रही थी मैं..! अब तो उम्र का वह हिस्सा ...

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लेखक के बारे में
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Neena Mahajan

कभी हादसों की शय में कभी सदमों की गिरफ्त में.. क्या कहें अब तलक ये जिंदगी कैसे बीती..

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    05 सितम्बर 2022
    सही निर्णय था ।व्यवहार. सामाज एव व्यक्तिगत आधार पर. भी।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
  • author
    Gajanan Pandey
    05 मई 2020
    आ नीना जी, बहुत सुंदर व सार्थक शब्दों में आपने घुटन की स्थिति को बयां किया है। बधाई
  • author
    Dr.dev ઠક્કર
    11 जून 2019
    दूर जाने से प्रेम का क्या होगा?😢
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    05 सितम्बर 2022
    सही निर्णय था ।व्यवहार. सामाज एव व्यक्तिगत आधार पर. भी।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
  • author
    Gajanan Pandey
    05 मई 2020
    आ नीना जी, बहुत सुंदर व सार्थक शब्दों में आपने घुटन की स्थिति को बयां किया है। बधाई
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    Dr.dev ઠક્કર
    11 जून 2019
    दूर जाने से प्रेम का क्या होगा?😢