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गौरैया

4.4
153

मेरे मक़ान की तंग बालकोनी में वर्षों बाद गूँजी गौरये की चहचहाट! लगा, माँ ने सँदेसा भिजवाया है कि 'आँगन की सखी से   फिर जोड़ लूँ वही रिश्ता बचा लूँ विलुप्त संवेदनाएँ!   मैंने चावल के दाने बिखेरे हैं ...

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लेखक के बारे में
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डॉ.आरती स्मित

नाम : डॉ॰ आरती स्मित जन्म : 2 अगस्त 1971, जन्मस्थान : कटिहार,बिहार संप्रति आवास : डी 136, गली न. 5, गणेशनगर पांडवनगर कॉम्प्लेक्स ,दिल्ली –92 शिक्षा : स्नातकोत्तर (हिंदी), पीएच डी, ग्राम विकास में डिप्लोमा, नाटक कलाकार आकाशवाणी – बी उच्च श्रेणी संप्रति कार्य /व्यवसाय : महासचिव ;साहित्यायन ट्रस्ट स्वतंत्र लेखन,संपादन, आलोचना, समीक्षा एवं अनुवादकार्य(विभिन्न प्रकाशन केन्द्रों के लिए, विशेष- प्रथम बुक्स, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, सार्क कल्चर सेंटर एवं एमनेस्टी इन्टरनेशनल के लिए ) मौलिक कृतियाँ : अन्तर्मन एवं ज्योति कलश (कविता संग्रह), बदलते पल (कहानी संग्रह), फूल- सी कोमल वज्र –सी कठोर ( स्त्री विमर्श पर आधारित समालोचनात्मक कृति) अनूदित कृतियाँ : स्वामी विवेकानंद : युवाओं की शाश्वत प्रेरणा (मूल अंग्रेज़ी : सन्दीपन सेन) ;राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ,नई दिल्ली ; दंबदेणीय अस्न ; सार्क कल्चर सेंटर, कोलंबो एवं दर्जन भर से अधिक बाल कृतियों का अनुवाद ;प्रथम बुक्स । पुस्तक- संकलनों में शामिल रचनाएँ : लघुकथाएँ जीवन-मूल्यों की, देश देशांतर, उजास साथ रखना, आधी आबादी का आकाश ,डॉ॰ मधुकर गंगाधर की कहानी यात्रा,, बंदे शक्ति स्वरूपा, स्त्री सृजनात्मकता का स्त्री पाठ , ज्ञानपीठ पुरस्कार और प्रयाग । संपादित पुस्तक : पगध्वनि (कविता संग्रह) कात्यायनी प्रोडक्शन के लिए ‘चैतन्य महाप्रभु’ धारावाहिक नाटक लेखन एवं प्रसारण। प्रमुख सम्मान : काशी रत्न , नारायणी साहित्य सम्मान, गेस्ट ऑफ ऑनर (रोटरी क्लब) 8376836119 [email protected]

समीक्षा
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  • author
    Dharm Pal Singh Rawat
    25 जून 2019
    मेरी प्रिय पक्षी है गौरया। सुंदर वर्णन किया है आपने।
  • author
    Karuna pande
    31 जुलाई 2019
    बचपन की मधुर स्मृतिया़ँ जेहन मेँ आ गई
  • author
    संतोष नायक
    23 जुलाई 2019
    सुंदर कविता'गौरैया'।बधाई।
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    Dharm Pal Singh Rawat
    25 जून 2019
    मेरी प्रिय पक्षी है गौरया। सुंदर वर्णन किया है आपने।
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    Karuna pande
    31 जुलाई 2019
    बचपन की मधुर स्मृतिया़ँ जेहन मेँ आ गई
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    संतोष नायक
    23 जुलाई 2019
    सुंदर कविता'गौरैया'।बधाई।