माँ---मुझे भी सुरेश और रमेश भैया के साथ बाहर खेलना है,जाऊं मैं---बताओ न---जाऊँ -----3 साल की गुड़िया अपनी मां का पल्लू पकड़ते हुए बोली।। अच्छा जा---पर अपने भाइयों के आस पास ही रहना---मां यानी सावित्री अपने सिर का पल्ला ठीक करते हुए बोली। गुड़िया अपने दो भाइयों आठ साल के रमेश और छ साल के सुरेश से तीसरे नंबर की है।दादा पुराने समय के ज़मींदार रहे हैं।अतः पिता में भी कहीं न कहीं जमींदारी वाली अकड़ है।अभी भी रौब-रुआब में रहते हैं,पैसे की कमी है नहीं।इसलिये घर में नौकर चाकर भी हैं।ज़मीदार साहब यानी चौधरी ...
रिपोर्ट की समस्या
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