जब छूता है पैमाना तेरे होठों को दिल ये करता है मैं जाँम बन जाऊं तेरी ज़िन्दगी को खुबशूरत बना दे ऐसी मदहोश शाम बन जाऊं तेरी खातिर फरवरी की पहली धूप तेरे लिए जून की दोपहर का आराम बन ...
भावनाओं को शब्द देने की कोशिश करती हूँ , अपने आस पास की जिंदगियों को पन्नो पर उकेरना पसंद है ।
ज्यादा कुछ है नहीं कहने को अपने बारे में , जो भी लिखती हूँ आपको अच्छा लगे उम्मीद करती हूँ।
कृपया मेरी रचना पसंद आए तो बताएं जरूरी
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world_from_my_lens20
सारांश
भावनाओं को शब्द देने की कोशिश करती हूँ , अपने आस पास की जिंदगियों को पन्नो पर उकेरना पसंद है ।
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मेरे को तो अभी तक समझ नहीं आया गुमनामी में ही क्यूँ जाता है मन शायद हम गुमनामी में अपने करीब होते है क्या पता मुझे नहीं पता,.... कुछ भी हो आपने लिखा सही है
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
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आदरणीया प्रिया सिंह जी, आप की या नज्म बहुत खूबसूरत है। यह मुकम्मल होती अगर इसमें कुछ और बंद जुड़ते! बहुत सुन्दर प्रयास! मेरा साधुवाद स्वीकार करें!
इसी साइट पर मेरी अन्य रचनायें भी अवश्य पढें और अपने विचारों से अवगत करायें। आप मेरा ब्लोग #BnmRachnaWorld पर जाकर marmagyanet.blogspot.com पर अवश्य विसिट करें और अपने विचार दें।
मेरी लिखी दूसरी पुस्तक उपन्यास के रूप में "डिवाइडर पर कॉलेज जंक्शन" के नाम से हिंद युग्म से प्रकाशित हो चुकी है।
पुस्तक के कथानक के बारे में:
यह छोटे शहर में स्थापित ऐसे डिग्री कॉलेज की कहानी है जिसके पास से रेलवे लाइन गुजरती है। इसलिए विद्यार्थी अपने पीरियड के विषय से अधिक उस ओर से गुजरने वाली ट्रेन के समय की जानकारी रखते हैं।
कॉलेज की पढाई करते - करते
समय की गलियों से यूँ गुजरना।
कुछ तोंद वाले सर, कुछ दुबले -पतले सर,
कुछ चप्प्लों में सर, कुछ जूतों में सर।
जैसे कॉलेज की दीवार से सटे
रेलवे लाईन पर ट्रेनों का गुजरना।
इसी बीच पनपता प्यार,
विज्ञान और अर्थशास्त्र के बीच।
छात्र परिषद के चुनाव की घोषणा होते ही
बाहरी तत्वों के घुसपैठ से,
कॉलेज के शान्त वातावरण का
पुल - सा कम्पित होना, थर्राना।
ये सब कुछ और इससे भी अधिक बहुत कुछ...
पढें उपन्यास "डिवाईडर पर कॉलेज जंक्शन" में***
अभी यह आमज़ोन के साइट से ऑन लाईन मात्र 79रु में ( अंकित मूल्य से 36रु कम) मँगाई जा सकती है।
इस लिंक पर जाकर मंगाएं:
link: http://amzn.to/2Ddrwm1
आमज़ोन पर customer review लिखें और मेरी लिखी पुस्तक "छाँव का सुख" डाक द्वारा मुफ्त प्राप्त करें।
अपना पता मेरे ई मेल : [email protected] पर भेज दें।
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