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गड़बड़ घोटाला

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गड़बड़ घोटालों का भई है जमाना झूठी दलीलें पेश करना चाहिए आना। चाहे सरकारी,गैर सरकारी हर जगह चलता है माया के लिए पर बड़ों बड़ों का ईमान फिसलता है। विद्यालय बाजार व्यापार कार्यालय या मंत्रालय चारों ...

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लेखक के बारे में
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Anita Anand

🙏 मै एक रचनाकार हूँ साथ ही एक शिक्षक भी। अपने जज्बात को ,अनुभव को आप तक पहुंचाने की एक छोटी सी कोशिश। 💐💐

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mohan Lal
    05 मई 2022
    वाहजी, वाक़ई, लाज़वाब, बेहतरीन अभिव्यक्ति जी ज़नाब। उम्दा लेखन करते हैं आपजी। उसकी आरजू-ए-इश्क़ में अफ़साने हो गए। उसको अपना बनाते बनाते दिवाने हो गए। कर दे नज़र-ए-इनायत तू दिल से 'मोहन'। उसी याद-ए-तड़प में हम यूं बेगाने हो गए। हमने भी "गड़बड़ घोटाला - मर्यादित जीवन मनुषत्व है" पर कथानक लिखी है, कृपया पढ़कर समुचित समीक्षा अवश्य करें।
  • author
    05 मई 2022
    जी सही कहा आपने,सब यहीं छोड़ जाना है ये जानते हुए भी लोग अपने ईमान को ख़राब करते हैं, बहुत ही सार्थक प्रस्तुति🤗🤗💕👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    Babita Soni
    05 मई 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह क्या खूब लिखा हुआ है,, अनिता जी ,, सही मायने तो आपने समझाए हुए है अपनी रचना दिल को छू गई आपकी रचना अद्भुत लेखन किया है 👌👌👌👌👌👌💐🌄🌄🌄🌄🌹👌👌💐💐💐👌👌
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    Mohan Lal
    05 मई 2022
    वाहजी, वाक़ई, लाज़वाब, बेहतरीन अभिव्यक्ति जी ज़नाब। उम्दा लेखन करते हैं आपजी। उसकी आरजू-ए-इश्क़ में अफ़साने हो गए। उसको अपना बनाते बनाते दिवाने हो गए। कर दे नज़र-ए-इनायत तू दिल से 'मोहन'। उसी याद-ए-तड़प में हम यूं बेगाने हो गए। हमने भी "गड़बड़ घोटाला - मर्यादित जीवन मनुषत्व है" पर कथानक लिखी है, कृपया पढ़कर समुचित समीक्षा अवश्य करें।
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    05 मई 2022
    जी सही कहा आपने,सब यहीं छोड़ जाना है ये जानते हुए भी लोग अपने ईमान को ख़राब करते हैं, बहुत ही सार्थक प्रस्तुति🤗🤗💕👌👌👌👌👌👌👌👌
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    Babita Soni
    05 मई 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह क्या खूब लिखा हुआ है,, अनिता जी ,, सही मायने तो आपने समझाए हुए है अपनी रचना दिल को छू गई आपकी रचना अद्भुत लेखन किया है 👌👌👌👌👌👌💐🌄🌄🌄🌄🌹👌👌💐💐💐👌👌