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खुशियों भरा दुःख

4.0
70944

सात बहनो के एकलौते भाई की समस्या

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लेखक के बारे में
author
Artee priyadarshini

writer and publisher in Prakhar goonj Publication शिक्षा :---- हिन्दी से स्नातकोत्तर, DCH (Diploma in creative writing in Hindi) 

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    shalini
    12 अप्रैल 2019
    मेरी बुआ की भी 7 बेटियां और 1 बेटा है,ऐसा लगा जैसी उनकी ही कहानी हो, मगर ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि उसकी छोटी बहन सरकारी नॉकरी में होने से उसने दीपक की आधी जवाबदारी अपने सिर ली और सातो बहने खुश है।
  • author
    Vanita Handa
    30 मार्च 2019
    हमारे समाज कि ऐसी विडंबना जिसे अब तक सिर्फ लड़कियों से ही जोड़ कर देखा जाता था लेकिन लेखिका ने जिस बात की तरफ ध्यान दिलाया है वो काबिले तारीफ है
  • author
    Anupama Srivastava
    19 जून 2019
    दीपक को आरती का आग्रह स्वीकार कर लेना चाहिए था,कयोंकि माँ की मृत्यु के बाद वह अकेला रह गया था ।अपनी शादी के बाद बहन की शादी करके खुशहाल जीवन व्यतीत करता ।आत्महत्या करने की ज़रूरत ही न पड़ती ,किन्तु रचनाकार ने समाज की कुरीतियों को बड़ी कुशलता से उकेरा है ।
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  • author
    shalini
    12 अप्रैल 2019
    मेरी बुआ की भी 7 बेटियां और 1 बेटा है,ऐसा लगा जैसी उनकी ही कहानी हो, मगर ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि उसकी छोटी बहन सरकारी नॉकरी में होने से उसने दीपक की आधी जवाबदारी अपने सिर ली और सातो बहने खुश है।
  • author
    Vanita Handa
    30 मार्च 2019
    हमारे समाज कि ऐसी विडंबना जिसे अब तक सिर्फ लड़कियों से ही जोड़ कर देखा जाता था लेकिन लेखिका ने जिस बात की तरफ ध्यान दिलाया है वो काबिले तारीफ है
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    Anupama Srivastava
    19 जून 2019
    दीपक को आरती का आग्रह स्वीकार कर लेना चाहिए था,कयोंकि माँ की मृत्यु के बाद वह अकेला रह गया था ।अपनी शादी के बाद बहन की शादी करके खुशहाल जीवन व्यतीत करता ।आत्महत्या करने की ज़रूरत ही न पड़ती ,किन्तु रचनाकार ने समाज की कुरीतियों को बड़ी कुशलता से उकेरा है ।