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कोशिश जारी है....

4.5
3276

आयशा - यदि प्रेम कर भी लेती हूँ .....तो क्या हम इस प्रेम को अंतिम रूप दे पाएंगे ... क्या हम शादी कर पाएंगे ??? दर्पण- बेशक जो रिश्ते शादी मे न बदले वो निभाये नही जाने चाहिये जैसे कृष्ण ने राधा ...

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लेखक के बारे में

न मैं कवि हूँ और न कोई शब्दों का खिलाडी. मुझे अपनी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए चंद शब्दों की जरुरत पड़ती हैं और मेरे शब्दकोष का अल्पज्ञान कभी मुझे कोसता भी हैं मगर मैं जैसे तैसे शब्दों को पिरो कर अपनी तरफ से अपने उदगार व्यक्त करता हूँ। कभी वो कविता की शक्ल अख्तियार कर लेती हैं तो कभी वो शब्दों का ताना बाना. कभी कुछ लोग पढ़ लेते हैं और कभी कुछ लोग देख कर बकवास करार दे देते हैं......!! मगर मैं भी जिद्दी हूँ भावनाओ के उफान में बहकर फिर कुछ न कुछ लिख ही लेता हूँ बिना इस बात की परवाह किये की ये सिर्फ मेरे तक ही सीमित रह जाएँगी या कुछ लोगो को पसंद आएँगी., वास्तव में, मेरा सफ़र हैं इस खूबसूरत ज़िन्दगी का -जो भगवान ने हमें दी हैं....!!!

समीक्षा
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  • author
    sudha mishra
    02 मार्च 2017
    👌👌अगली कड़ी का इंतजार रहेगा
  • author
    Sudhir Kumar Sharma
    12 दिसम्बर 2019
    अद्भुत
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    sudha mishra
    02 मार्च 2017
    👌👌अगली कड़ी का इंतजार रहेगा
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    Sudhir Kumar Sharma
    12 दिसम्बर 2019
    अद्भुत