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कवि और क्रांतिकारी एक ही माटी के बने होते है

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Jai ho .....मित्रों मेरी ये रचना आपके लिए जो ये बताती है की कैसे कोई कवि हर पल, हर क्रिया में कैसे अपने आपको महसूस करता है ,ओर उसमें रचकर बसकर उसे जीता है ,ओर माँ भारती के सच्चे सपूत वीर भगत ...

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लेखक के बारे में

⛳⛳प्रदेशाध्यक्ष ,,,,,,हिन्दू विचार मंच ,मध्यप्रदेश⛳⛳

समीक्षा
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  • author
    Indira Kumari
    27 नवम्बर 2018
    वाह क्या बात है सही में कवि का मन सभी जगह पहुंचता है बहुत बढियाॅ
  • author
    30 नवम्बर 2018
    bhut khub मेरी भी रचनाएँ पढ़ने का कष्ट करें।
  • author
    Vandna Solanki "वंदू"
    25 नवम्बर 2018
    बहुत सुंदर।।जहाँ न पहुँचे रवि,वहाँ पहुँचे कवि।।
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    Indira Kumari
    27 नवम्बर 2018
    वाह क्या बात है सही में कवि का मन सभी जगह पहुंचता है बहुत बढियाॅ
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    30 नवम्बर 2018
    bhut khub मेरी भी रचनाएँ पढ़ने का कष्ट करें।
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    Vandna Solanki "वंदू"
    25 नवम्बर 2018
    बहुत सुंदर।।जहाँ न पहुँचे रवि,वहाँ पहुँचे कवि।।