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कब्रिस्तान का रहस्य

3.8
248

गौरी के माथे पर पसीने की बूँदें साफ़ दिखाई दे रही थी। वो चीखना चाहती थी पर आवाज़ भूल चुकी थी।

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लेखक के बारे में
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sethu vyas

स्वछंद कलम के साथ.....मैं और मेरी स्याही 🙂🙂 Ap logo ke personal messages ke dwara suggestions aur appreciation paakar mujhe bahut acha laga dhanyawaad🙏 Kripya messages ko sujhaav aur sameeksha tak hi seemit rakhein...🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    इंदु देवगन
    07 मई 2020
    सुंदर प्रस्तुति
  • author
    23 मई 2020
    कहानी और अच्छी बन सकती थी। आपने थीम अच्छी ली थी पर अंत समसामयिक नही लगा। लिखते रहे और कहानी के प्रस्तुतिकरण पर विशेष ध्यान दे! आप को मैं अच्छी समीक्षा देकर आपको हतोत्साहित नही करना चाहता हु, अपितु आप अगली कहानी इस कहानी से भी अच्छी कहानी बनाये और मुझे लिंक भेजे!
  • author
    Aamir Qureshi "A N"
    13 मई 2020
    Agr didi ka spna thoda or lamba hona chye tha raghu ko thoda or let ana chye tha to kahani or zyda drawni hoti .or. or bhi dil chasb lagti
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    इंदु देवगन
    07 मई 2020
    सुंदर प्रस्तुति
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    23 मई 2020
    कहानी और अच्छी बन सकती थी। आपने थीम अच्छी ली थी पर अंत समसामयिक नही लगा। लिखते रहे और कहानी के प्रस्तुतिकरण पर विशेष ध्यान दे! आप को मैं अच्छी समीक्षा देकर आपको हतोत्साहित नही करना चाहता हु, अपितु आप अगली कहानी इस कहानी से भी अच्छी कहानी बनाये और मुझे लिंक भेजे!
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    Aamir Qureshi "A N"
    13 मई 2020
    Agr didi ka spna thoda or lamba hona chye tha raghu ko thoda or let ana chye tha to kahani or zyda drawni hoti .or. or bhi dil chasb lagti