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कन्या भ्रूण हत्या : एक जघन्य अपराध

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सृष्टि में मनुष्य जाति का गर्भधारण करने वाली नारी,हमेशा सुकोमल,संवेदनशील और प्रेमल रही है | उसने विभिन्न संस्कृतियों को तहजीब सिखायी है, असंख्य पीढ़ियों को संस्कार दिए हैं | वह घर में गृहिणी है, पत्नी है, बहु है , माँ है, बेटी है और दफ्तर में अधिकारी है ,सहयोगी है | उसे अपने अस्तित्व के लिए कई संघर्ष एक साथ करने पड़ते हैं | कहीं उसे उपेक्षा मिलती है, कहीं अपमान,कहीं सम्मान तो कहीं टकराहट का सामना करना पड़ता है | उसे हर युग में देह से ऊपर उठकर स्वीकार न किये जाने के विरुद्ध बार-बार लड़ना पड़ा है | ...

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  • author
    Aditya ghuse
    20 अक्टूबर 2024
    aapne boht Sundar likha hai kyunki ladka kitna bhi buddhiman ho , kitna bhi shaktishali ho, kitna bhi Sundar ho , kitna bhi mahan ho use ek mahila ne hi janma diya ek stree ne hi uska palan poshan kiya hai isliye ladka aur ladki main bhinnata nahi hai jo mehnat karenga wo aage jaayenge chaahe vo ladka ho yafir ladki parishram karne wali/ wala jeetengi/jeetenga dhanyavad 🇮🇳🙏🏹🪈🕉️🔱❤👌🏻👍😎👩🏻‍🍼🏆
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    17 अप्रैल 2020
    रचना आपकी शिक्षा से भरी हुई । व्यवहारिक ज्ञान का खजाना । या प्रेरणा की निधि कहुँ तो भी भी कम है । बहुत ही सुंदरता से लिखी गई । बहुत ही अद्भुत रचना । दिलों को झकझोर देने वाली । आत्ममंथन के लिए प्रेरित करने वाली। कहां जा रहे हैं हम?
  • author
    Manju Sinha "M S"
    25 अगस्त 2022
    बेहतरीन रचना, काश हमारा समाज जितनी जल्दी बेटियों और बेटों में फर्क़ करना छोड़ देंगे .....उतनी जल्दी हम तरक्की की राह की ओर अग्रसर हो जायेंगे I
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    Aditya ghuse
    20 अक्टूबर 2024
    aapne boht Sundar likha hai kyunki ladka kitna bhi buddhiman ho , kitna bhi shaktishali ho, kitna bhi Sundar ho , kitna bhi mahan ho use ek mahila ne hi janma diya ek stree ne hi uska palan poshan kiya hai isliye ladka aur ladki main bhinnata nahi hai jo mehnat karenga wo aage jaayenge chaahe vo ladka ho yafir ladki parishram karne wali/ wala jeetengi/jeetenga dhanyavad 🇮🇳🙏🏹🪈🕉️🔱❤👌🏻👍😎👩🏻‍🍼🏆
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    AnshuPriya Agrawal
    17 अप्रैल 2020
    रचना आपकी शिक्षा से भरी हुई । व्यवहारिक ज्ञान का खजाना । या प्रेरणा की निधि कहुँ तो भी भी कम है । बहुत ही सुंदरता से लिखी गई । बहुत ही अद्भुत रचना । दिलों को झकझोर देने वाली । आत्ममंथन के लिए प्रेरित करने वाली। कहां जा रहे हैं हम?
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    Manju Sinha "M S"
    25 अगस्त 2022
    बेहतरीन रचना, काश हमारा समाज जितनी जल्दी बेटियों और बेटों में फर्क़ करना छोड़ देंगे .....उतनी जल्दी हम तरक्की की राह की ओर अग्रसर हो जायेंगे I