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एहसान जिंदगी का

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नीता आज ऑफिस से लौटते वक्त ढाबे पर शाम के लिए खाना पैक करवाने को रुकी। वहां बहुत से लोग खाना खा रहे थे, तभी उसने देखा कि 8 -9 साल की लड़की को कुछलोग डांट रहे थे। वहां उसे खाना मांगने पर कुछ ने तो ...

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लेखक के बारे में
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विद्या शर्मा

जन्म स्थान. प्रयागराज उत्तर प्रदेश 🌎 Women health and hygiene councillor अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं साहित्यिक मंच पर रचनाओं का प्रकाशन.📒 नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से फेसबुक पर भी मुझे फॉलो करें https://www.facebook.com/viddya.sharma.75?mibextid=ZbWKwL For instagram -https://www.instagram.com/vidya_sharma79?igsh=MW54NWxmaXA2d2Q2bQ==

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 ନଭେମ୍ବର 2018
    इस कहानी की नायिका को मेरा सलाम । और जैसा कि आप इस कहानी की लेखिका है तो आपके इस तरह समाज के बुराइयो उजागिर करने एवं साथ ही उसके उपाय को भी बतलाने के लिए कोटि कोटि नमन साथ ही साधुवाद जी। ज्यादा कुछ बोलने के लिए मेरी तार्किक शक्ति आपके और आपके तमाम खूबसूरत रचनाओ के सामने बहुत कम है जी 🙏🙏🙏।
  • author
    DrPoonam Sharma
    07 ମାର୍ଚ୍ଚ 2019
    समाज में ऐसी सोच रखने वाले लोगों की आवश्यकता है तभी कुछ जिंदगियां संवर सकतीं हैं... लेकिन साथ ही स्वार्थी और गंदी सोच वाले लोग भी हैं जो स्वयं तो कुछ सोचते नहीं और दूसरे करें तो रोड़े अटकाने की कोशिश करते हैं..अति सुन्दर विषय-वस्तु...
  • author
    durganarayan singh
    30 ନଭେମ୍ବର 2018
    कहानी की नायिका द्धारा लिये क्रांतिकारी निर्णय ही समाज की एक बड़ी समस्या का हल है।इस विचारोत्तेजक कथ्य लेखन हेतू आपको कोटिशः साधुवाद।
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    27 ନଭେମ୍ବର 2018
    इस कहानी की नायिका को मेरा सलाम । और जैसा कि आप इस कहानी की लेखिका है तो आपके इस तरह समाज के बुराइयो उजागिर करने एवं साथ ही उसके उपाय को भी बतलाने के लिए कोटि कोटि नमन साथ ही साधुवाद जी। ज्यादा कुछ बोलने के लिए मेरी तार्किक शक्ति आपके और आपके तमाम खूबसूरत रचनाओ के सामने बहुत कम है जी 🙏🙏🙏।
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    DrPoonam Sharma
    07 ମାର୍ଚ୍ଚ 2019
    समाज में ऐसी सोच रखने वाले लोगों की आवश्यकता है तभी कुछ जिंदगियां संवर सकतीं हैं... लेकिन साथ ही स्वार्थी और गंदी सोच वाले लोग भी हैं जो स्वयं तो कुछ सोचते नहीं और दूसरे करें तो रोड़े अटकाने की कोशिश करते हैं..अति सुन्दर विषय-वस्तु...
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    durganarayan singh
    30 ନଭେମ୍ବର 2018
    कहानी की नायिका द्धारा लिये क्रांतिकारी निर्णय ही समाज की एक बड़ी समस्या का हल है।इस विचारोत्तेजक कथ्य लेखन हेतू आपको कोटिशः साधुवाद।