आँखे बंद किये हुए नंदनी ट्रेन के 1स्ट क्लास के डिब्बे में अपनी सीट पर लेटी हुई थी ।दूसरी बर्थ पर कोई नहीं था उसे मनमाफिक एकान्त भी जुट गया था ।पर लग रहा था उसका दिल भी ट्रेन के पहियो की रफ़्तार के साथ ...
आँखे बंद किये हुए नंदनी ट्रेन के 1स्ट क्लास के डिब्बे में अपनी सीट पर लेटी हुई थी ।दूसरी बर्थ पर कोई नहीं था उसे मनमाफिक एकान्त भी जुट गया था ।पर लग रहा था उसका दिल भी ट्रेन के पहियो की रफ़्तार के साथ ...