एक कॉलोनी के खाली पड़े प्लाट में माया ने अपनी झोपड़ी डाल ली,और अपने दो बच्चों के साथ रहने लगी।जल्दी ही उसे आस पास के घरों में काम मिल गया ।माया का बेटा करीब छः साल का था और उसकी बेटी करीब तेरह साल की ...
एक अच्छी कहानी ....
मानव व्यवहार की अजीब दांस्ता .... मां के द्वारा अपनी
बेटी को ही एक अजीब uhaapohaatmk अवस्था में छोड़ कर ....बेटी के फूफे के साथ भाग जाना ....
एक अजीब प्रवृति के लगातार समाज में विकसित होने को
रेखांकित करती....साथ ही साथ स्वार्थ वश धन देने का प्रवृति को बहुत अच्छे उजागर करती है ।
रिपोर्ट की समस्या
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बेटी को ही एक अजीब uhaapohaatmk अवस्था में छोड़ कर ....बेटी के फूफे के साथ भाग जाना ....
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