7-10-14, कोलकाता; नई किताब- नई पुरानी कवितायें! 11-10-1997 चिट्ठी पाकर गुड़िया अपनी प्रिय बिटिया सुप्रिया के नाम नाम 18 वर्ष पूर्व लिखी यह कविता पुराने पत्र-संग्रह में मिली है। संभव है कि मेरी अनेक ...
आपकी एक छोटी बहन, श्रृंगार है मेरे भैया का, ताज है मेरे मायके का। अपने भाई को वो आज भी उतना ही प्यार करती है जितना मैं अपने भाई को। आसान नहीं था छोटी उमर में माँ को खोकर सहज हो पाना, गर्व है मुझे मेरे भाई पर जिसने उसे सम्हाला आपके पिता की अमानत को अपने सर का ताज बनाया। बस यह याद रखे बेटी कभी भी पराई अमानत नहीं होती वो तो हमारी बेशकीमती अमानत थी, है और रहेगी।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
आपकी एक छोटी बहन, श्रृंगार है मेरे भैया का, ताज है मेरे मायके का। अपने भाई को वो आज भी उतना ही प्यार करती है जितना मैं अपने भाई को। आसान नहीं था छोटी उमर में माँ को खोकर सहज हो पाना, गर्व है मुझे मेरे भाई पर जिसने उसे सम्हाला आपके पिता की अमानत को अपने सर का ताज बनाया। बस यह याद रखे बेटी कभी भी पराई अमानत नहीं होती वो तो हमारी बेशकीमती अमानत थी, है और रहेगी।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या