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उस दिन ...

4.6
80

उस दिन यकायक जाने क्या हुआ मेरे भीतर का कापुरुष विजयी भाव के साथ मेरी लापरवाह निजता को . बेदर्दी से रौंदता हुआ चला गया समय के परली पार.

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समीक्षा
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    संतोष नायक
    23 जुलाई 2019
    सुन्दर भावाभिव्यक्ति।बधाई।
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    20 जून 2019
    👏👏👏
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    संतोष नायक
    23 जुलाई 2019
    सुन्दर भावाभिव्यक्ति।बधाई।
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    20 जून 2019
    👏👏👏