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तृतीय स्थान! इज्जत!! प्रतिलिपि कथा सम्मान 2019!!!

4.7
35696

प्रतिलिपि कथा सम्मान में तृतीय स्थान प्राप्त कहानी।

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Damini
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Damini

साहित्य की पगडंडी पर अभी पहला कदम रखा हैं। मंज़िल अभी बहुत दूर है। 🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Yakoob khan "अंशु"
    25 ଜୁନ 2019
    बहुत सुंदर कहानी है। रघुवीर बार बार जिस झूठी इज्ज़त की दुहाई देता रहता था। किशोर ने सचमुच उस इज्ज़त की लाज रख ली। एक माँ का अपने बेटे पर जो विश्वास था किशोर ने उस विश्वास की लात रख ली। शांति को अपने बेटे को खोने का दुख तो था लेकिन सुकून और गर्व के भाव ने उसके दुख को कम करने की कोशिश ज़रूर की थी आख़िर उसके बेटे ने गाँव की इज्ज़त बचाने के ख़ातिर अपनी जान कुर्बा़न जो कर दी थी। बहुत मार्मिक कहानी। बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।
  • author
    Poonam Kaparwan pikku
    19 ଜୁଲାଇ 2019
    निशब्द कर दिया आपने तो जिस घर मे औरत का सम्मान नहीं होता इजाज़त की दुहाई दते है ।बेटे पर कलंकित होने का आरोप भी  माँ पर संस्कारो की दुहाई और बेटा किसी की बेटी की इजाज़त बचाकर माँ के नाम को ऊँचा कर गया ।* * * * * * * * * * * * * * * आपके लेखन के लिए मैंम ।
  • author
    Shraddhaholic SK "Shraddha Kapoor"
    27 ଜୁନ 2019
    अति उत्तम 👏👏 तारीफ के लिये शब्द ही नही है मेरे पास 😐😐 जिस तरह से शीर्षक का चयन करके आपने कहानी लिखी, ,,, काबिलेतारीफ है **** कहानी इतनी सहजता से लिखा गया है कि जैसे-जैसे कहानी पढ़ते जाओगे इसकी गहराई मे डूबते चले जाओगे 😀😀😀😀 बेहद खूबसूरत 👌👌👌👏👏
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    Yakoob khan "अंशु"
    25 ଜୁନ 2019
    बहुत सुंदर कहानी है। रघुवीर बार बार जिस झूठी इज्ज़त की दुहाई देता रहता था। किशोर ने सचमुच उस इज्ज़त की लाज रख ली। एक माँ का अपने बेटे पर जो विश्वास था किशोर ने उस विश्वास की लात रख ली। शांति को अपने बेटे को खोने का दुख तो था लेकिन सुकून और गर्व के भाव ने उसके दुख को कम करने की कोशिश ज़रूर की थी आख़िर उसके बेटे ने गाँव की इज्ज़त बचाने के ख़ातिर अपनी जान कुर्बा़न जो कर दी थी। बहुत मार्मिक कहानी। बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।
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    Poonam Kaparwan pikku
    19 ଜୁଲାଇ 2019
    निशब्द कर दिया आपने तो जिस घर मे औरत का सम्मान नहीं होता इजाज़त की दुहाई दते है ।बेटे पर कलंकित होने का आरोप भी  माँ पर संस्कारो की दुहाई और बेटा किसी की बेटी की इजाज़त बचाकर माँ के नाम को ऊँचा कर गया ।* * * * * * * * * * * * * * * आपके लेखन के लिए मैंम ।
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    Shraddhaholic SK "Shraddha Kapoor"
    27 ଜୁନ 2019
    अति उत्तम 👏👏 तारीफ के लिये शब्द ही नही है मेरे पास 😐😐 जिस तरह से शीर्षक का चयन करके आपने कहानी लिखी, ,,, काबिलेतारीफ है **** कहानी इतनी सहजता से लिखा गया है कि जैसे-जैसे कहानी पढ़ते जाओगे इसकी गहराई मे डूबते चले जाओगे 😀😀😀😀 बेहद खूबसूरत 👌👌👌👏👏