कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नही मिलता कही ज़मी तो कही आसमाँ नही मिलता मणिका रसोई में काम करते हुए गुनगुना रही थी, गीत गाना उसका शौक था सुरीली आवाज की मालकिन मणिका अक्सर यही गीत गुनगुनाया करती। तभी ...
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नही मिलता कही ज़मी तो कही आसमाँ नही मिलता मणिका रसोई में काम करते हुए गुनगुना रही थी, गीत गाना उसका शौक था सुरीली आवाज की मालकिन मणिका अक्सर यही गीत गुनगुनाया करती। तभी ...