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आइना

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पार्सल खोला तो एल्बम था. पहला पृष्ट पलटा. उस के मातापिता का फोटो था, “ मुझे माफ़ कर देना. आप मुझे बहुत प्यार करते थे. हर छोटी बड़ी चीज का ध्यान रखते थे. मगर मैं ने आप के साथ धोखा किया.” आँख से आंसू टपक ...

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लेखक के बारे में

    जन्म-        26 जनवरी’ 1965         पेशा -            सहायक शिक्षक         शौक-        अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा-    मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथसाथ लघुकथाएं व क्षणिका तथा हाइकू . शिक्षा-    एमए ( हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र,  इतिहास ) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा . समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिषत अंक के साथ अपनी बैच में प्रथम . रचना प्रकाशन-    सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, समाजकल्याण , बालभारती, वेबदुनिया, चौथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विषेष लेखन-    चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाषन-    लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, चतुराई धरी रह गई.प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार-    साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकू , हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). jजयविजय सम्मान २०१५ प्राप्त.  

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Thanu Mahato
    23 अगस्त 2017
    अच्छा हैं
  • author
    Girish Kumar Gumashta
    19 अगस्त 2018
    काम शब्दों में बहुत कुछ
  • author
    मनीला कुमारी
    26 जुलाई 2017
    बहुत अच्छी लघुकथा है
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    Thanu Mahato
    23 अगस्त 2017
    अच्छा हैं
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    Girish Kumar Gumashta
    19 अगस्त 2018
    काम शब्दों में बहुत कुछ
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    मनीला कुमारी
    26 जुलाई 2017
    बहुत अच्छी लघुकथा है