इस कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक है । इसका किसी भी व्यक्ति अथवा घटना से कोई संबंध नहीं है । यदि कोई समानता पाई जाती है तो यह महज संयोग होगा ।
अवगुंठन बहुभोज समाप्त हो चुका था ।मेहमान जहां ...
प्रिय पाठकों,
मैं लेखक नहीं हूं,बस अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालकर अपनी भावनाओं को चकाचौंध से दूर वास्तविक जीवन के रिमझिम फुहारों,खट्टी मीठी यादों से रुबरु कराते कहानी का सृजन करने की कोशिश कर रहा हूं,
जो पाठक को मनोरंजन के साथ साथ उन सामाजिक
बंधनों, बुराइयों, कुरीतियों के प्रति जागरूक कर सके तथा मानव मन मनोवैज्ञानिक पक्ष को समझ सके..आशा है आपका साथ हमेशा बना रहेगा ।
सारांश
प्रिय पाठकों,
मैं लेखक नहीं हूं,बस अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालकर अपनी भावनाओं को चकाचौंध से दूर वास्तविक जीवन के रिमझिम फुहारों,खट्टी मीठी यादों से रुबरु कराते कहानी का सृजन करने की कोशिश कर रहा हूं,
जो पाठक को मनोरंजन के साथ साथ उन सामाजिक
बंधनों, बुराइयों, कुरीतियों के प्रति जागरूक कर सके तथा मानव मन मनोवैज्ञानिक पक्ष को समझ सके..आशा है आपका साथ हमेशा बना रहेगा ।
रिपोर्ट की समस्या
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