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अनर्थ

4.6
5298

महूरत देख कर तारीख निकाली गयी है.... सत्रह नवम्बर. ठेकेदार का मुकद्दम अभी अभी यह खबर लिखा पर्चा दे कर गया है जिसे हरद्वारी हाथ में थामे बैठे हैं. उनकी उँगलियों में फंसा वह पर्चा जैसे कांप रहा है, ...

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लेखक के बारे में
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अशोक गुप्ता
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    aashish patel
    07 जुलाई 2017
    सोच इंसान को कहीं भी पहुंचा सकती है
  • author
    शिल्पी रस्तोगी
    22 जून 2017
    motivational story
  • author
    S Bhushan
    16 जुलाई 2016
    very interesting and heart touching .
  • author
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  • author
    aashish patel
    07 जुलाई 2017
    सोच इंसान को कहीं भी पहुंचा सकती है
  • author
    शिल्पी रस्तोगी
    22 जून 2017
    motivational story
  • author
    S Bhushan
    16 जुलाई 2016
    very interesting and heart touching .