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पापा बुरा लगता है

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अथर्व ने जन्मदिन मनाने के लिए जिद पकड़ी तो मां उदास हो गई। मां ने समझाया बेटा अभी नहीं फिर कभी मना लेंगे। अथर्व की जिद थी कि सब बच्चे अपना जन्मदिन मनाते हैं तो मैं क्यों नहीं मनाऊं। कुछ देर मां ने ...

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लेखक के बारे में

रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति 1 जून 1970 ग्राम सियलपुर तह सिरोंज जिला विदिशा शिक्षा - एम ए बीएड, फिल्म स्क्रिप्ट राइटिंग, इग्नू    प्रकाशन  आजकल, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, कथादेश, हंस, परिकथा, आउटलुक, इंडियाटुडे, दैनिक भास्कर नवभारत, हिंदुस्तान, सहारा समय , लोकमत समाचार, आदि में कहानी कविताएं प्रकाशित।  कई साक्षत्कार राजेंद्र यादव, मैनेजर पांडे , कमलेश्वर, राजेश जोशी, विजय बहादुर सिंह, रमेश चन्द्र शाह  सम्मान  कहानी के लिए राजस्थान पत्रिका का   प्रथम पुरस्कार   कविता के लिए रजा सम्मान    पुस्तकें: कोलाज अफेयर मन का ट्रेक्टर  (कहानी संग्रह शीघ्र प्रकाश्य ) बाल कविताएं संप्रति  कोलाज  कला आर्ट पत्रिका का संपादन   पीपुल्स समाचार भोपाल में कार्यरत    पता - टॉप १२ हाई लाइफ काम्प्लेक्स चर्च रोड जहंगीरा बाद भोपाल  मोबा-9098410010 स्थाई पता  110 , आर एम पी नगर फेस 1 , विदिशा http://ravindraswapnil.blogspot.com www.kavitakoshravindraswapnil.com   

समीक्षा
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  • author
    Sudheer Nagle
    19 अगस्त 2019
    bahot aachi story hai ye story har single mother or father ko padni chaiye aur unme se ek bhi mother father vapas apni family me apna ego chod kar apne bacche ke liye mil Jaye to aapki story sarthak ho jayegi
  • author
    Nivedita Mishra
    07 मार्च 2017
    कहानी बहुत ही मार्मिक है और दिल को छू लेने वाली है ..लेकिन कहानी को आगे भी लिखना चाहिए था ताकि जो भी इस कहानी को पढ़ रहे है वो उस छोटे बच्चे की ख़ुशी पूरी होते हुए देखे I
  • author
    अमरेऩदऱ कुमार
    22 मार्च 2019
    मार्मिक कहानी,लेखक महोदय कहानी पुरा करें।उस बालक का जन्म दिन कैसा रहा??
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    Sudheer Nagle
    19 अगस्त 2019
    bahot aachi story hai ye story har single mother or father ko padni chaiye aur unme se ek bhi mother father vapas apni family me apna ego chod kar apne bacche ke liye mil Jaye to aapki story sarthak ho jayegi
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    Nivedita Mishra
    07 मार्च 2017
    कहानी बहुत ही मार्मिक है और दिल को छू लेने वाली है ..लेकिन कहानी को आगे भी लिखना चाहिए था ताकि जो भी इस कहानी को पढ़ रहे है वो उस छोटे बच्चे की ख़ुशी पूरी होते हुए देखे I
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    अमरेऩदऱ कुमार
    22 मार्च 2019
    मार्मिक कहानी,लेखक महोदय कहानी पुरा करें।उस बालक का जन्म दिन कैसा रहा??