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नन्हे इंसान

4.6
6349

नगर की एक कालोनी, जिसमें हिंदू मुस्लिम बराबर की संख्या में साथ मिलकर रहते थे । आज वहां का माहौल कुछ तनाव भरा सा था , आज कल की मॉब लिंचिंग,एक - दूसरी जाति के लिए  नफरत में  की गई घटनाओं आदि को ...

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लेखक के बारे में
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नीरा शर्मा
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shashank Agrahari
    21 अगस्त 2019
    mam aapne bahut hi badhiya point of view par story likhi hai .......aur mai har religion k logo se kehna cahunga ki dharm ki deewar ko tod kar sirf insaniyat banaye rakkhe .........aur kuch hai dharm k thekedar jo kehte hai dharm se bada kuch nhi hai par isse pata chalta hai ki unke karm acche nhi hai ........ek accha inshaan acche kaam me kissi bhi dharm ko involve nhi karega ........kyu ki usse pata hota hai ki wo jaisa karm karega waise hi fal payega .........
  • author
    फरहत खान "💐💐💐💐"
    23 अगस्त 2019
    आज का मनुष्य कोल्हू का बैल है।जिसे जिस तरफ हांको उधर चल देता है, खुद का दिमाग यूज़ नहीं करता। उसे जो जैसा बोल देता है वो मान लेता है। वैसे ही लोग बस एक कि गलती ,किसी एक कि बात में आके पूरे धर्म से नफरत कर लेता है। आजकल दो लोगों के बीच अगर झगड़ा होता है तो उसका कारण नही पता करते,उसका धर्म पता करते हैं, उसके बाद धर्म को बीच मे लाके एक नया झगड़ा शुरू हो जाता है।।
  • author
    Puja Thakur
    23 अगस्त 2019
    हिन्दू,मुस्लिम होने से पहले हम एक इंसान है,सबसे बड़ा रिश्ता इंसानियत का रिश्ता है। बहुत ही प्रभावशाली ढंग से आपने समाज को बहुत ही सुंदर संदेश दिया है ...द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आपको दिल से बधाई 👌👌👌🙏
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    Shashank Agrahari
    21 अगस्त 2019
    mam aapne bahut hi badhiya point of view par story likhi hai .......aur mai har religion k logo se kehna cahunga ki dharm ki deewar ko tod kar sirf insaniyat banaye rakkhe .........aur kuch hai dharm k thekedar jo kehte hai dharm se bada kuch nhi hai par isse pata chalta hai ki unke karm acche nhi hai ........ek accha inshaan acche kaam me kissi bhi dharm ko involve nhi karega ........kyu ki usse pata hota hai ki wo jaisa karm karega waise hi fal payega .........
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    फरहत खान "💐💐💐💐"
    23 अगस्त 2019
    आज का मनुष्य कोल्हू का बैल है।जिसे जिस तरफ हांको उधर चल देता है, खुद का दिमाग यूज़ नहीं करता। उसे जो जैसा बोल देता है वो मान लेता है। वैसे ही लोग बस एक कि गलती ,किसी एक कि बात में आके पूरे धर्म से नफरत कर लेता है। आजकल दो लोगों के बीच अगर झगड़ा होता है तो उसका कारण नही पता करते,उसका धर्म पता करते हैं, उसके बाद धर्म को बीच मे लाके एक नया झगड़ा शुरू हो जाता है।।
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    Puja Thakur
    23 अगस्त 2019
    हिन्दू,मुस्लिम होने से पहले हम एक इंसान है,सबसे बड़ा रिश्ता इंसानियत का रिश्ता है। बहुत ही प्रभावशाली ढंग से आपने समाज को बहुत ही सुंदर संदेश दिया है ...द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आपको दिल से बधाई 👌👌👌🙏