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ज़िन्दगी की गुल्लक

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<p>जिन्दगी की गुल्लक में ,<br /> ज्यादा कुछ जमा नहीं कर पाया।</p> <p>कुछ चिल्लर है ,<br /> जो कभी कभी खनक कर<br /> मुझे अमीर होने का एहसास कराती है।</p> <p>नन्ही निश्छल चुलबुली चवन्नियां,<br ...

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nitya shukla

biochemist by profession writer at heart....for the love of maatra bhaasha hindi

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