कोई भी कहानी हो, घूम फिर के कहीं न कहीं फिर से इतिहास को दोहराती है, बस नज़िरिया अलग हो जाता है बातें वहीं होती है, हालात वैसे ही होते है, बस इंसान का नज़रिया बदल जाता है, इस जहां में ना जाने ...
कोई भी कहानी हो, घूम फिर के कहीं न कहीं फिर से इतिहास को दोहराती है, बस नज़िरिया अलग हो जाता है बातें वहीं होती है, हालात वैसे ही होते है, बस इंसान का नज़रिया बदल जाता है, इस जहां में ना जाने ...