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युवा प्रेरणा के अक्षय स्रोत: विवेकानन्द

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4.1

जब ऐतिहासिक महापुरुषों की ओर देखता हूँ तो एक ही रूप पर दृष्टि ठहर जाती है। चित्त प्रसन्न हो जाता है। उधर नज़र पड़ते ही दिखायी देता है उन्नत तेजयुक्त ललाट, केशरिया वस्त्र, दिखायी देती है विशाल ...