हम नौजवान हैं, समा, बदल ही देंगे| यह जो आसमान हैं, क़दमों में उतार लेंगे| दिलों की हम तपिश से, ज़मीं की बंदिशों को, जहाँ की बेड़ियों को खोल देंगे| करतें हैं बातें हम तो, मुस्कुराहट से, नज़रें, गर ...
हम नौजवान हैं, समा, बदल ही देंगे| यह जो आसमान हैं, क़दमों में उतार लेंगे| दिलों की हम तपिश से, ज़मीं की बंदिशों को, जहाँ की बेड़ियों को खोल देंगे| करतें हैं बातें हम तो, मुस्कुराहट से, नज़रें, गर ...