उमंग से भरे चेहरे पल होंगे तभी सुनहरे मिले दिशा जब उस ओर होती है जिधर से भोर खिलती कली खिलती धूप बहती नदी खिलता रूप उन्मुक्त हो गगन उड़ान नारी स्वयं की पहचान सफल होय जीवन अपना शेष रहे न कोई सपना गीत ...
उमंग से भरे चेहरे पल होंगे तभी सुनहरे मिले दिशा जब उस ओर होती है जिधर से भोर खिलती कली खिलती धूप बहती नदी खिलता रूप उन्मुक्त हो गगन उड़ान नारी स्वयं की पहचान सफल होय जीवन अपना शेष रहे न कोई सपना गीत ...