आज के दौर में जहां फूहड़ता चरम पर है,समाज में फूहड़ संगीत,नाच,गालियां इत्यादि की पराकाष्ठा है,अधिकतर गानों के बोल,उसमें नाट्य करते लोगों के पहनावे इत्यादि से फूहड़ता झलकती है... वहीं आज ऐसे समय में ...
आज के दौर में जहां फूहड़ता चरम पर है,समाज में फूहड़ संगीत,नाच,गालियां इत्यादि की पराकाष्ठा है,अधिकतर गानों के बोल,उसमें नाट्य करते लोगों के पहनावे इत्यादि से फूहड़ता झलकती है... वहीं आज ऐसे समय में ...