यह कहानी सरिता नामक एक लड़की थी उसे रात जब 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो रहा था तब उसकी माता और पिता दूसरे देश जाने की पाकिस्तान मैं चले गए थे वह अकेली सरिता अपने भाई सुरेश को लेकर अपने चाचा चाची के ...
बधाई हो! यह कहानी सरिता नामक लड़की की है माता-पिता से पिछड़ी हुई है लड़की अपने एक छोटे से भाई सुरेश के साथ चाचा चाची के यहां रहती थी परंतु चाचा चाची ने भी इसे प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।