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ये रिश्ते

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रिश्ते को कितना समझ पाते हैँ लोग, ये तो वक़्त का फेर हैँ । कभी अजनबी अपने बन जाते हैँ,रे तो कभी  अजनबी बन जाते हैँ अपने .... ...