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यह क्या हुआ

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ऑफिस में जेट प्लेन की स्पीड से काम करने के बावजूद घड़ी की सुईयों ने रिमझिम को मात दे दी थी ।बॉस ने पूरे स्टॉफ को वार्निंग दी थी ।की आज कोई भी अपना काम अधूरा छोड़ कर नहीं जायेगा ।वरना उसकी नौकरी ...

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लेखक के बारे में

नाम :- नेहा अग्रवाल नेह जन्म :- 19 अप्रैल शिक्षा :- एम .एस.सी ( रसायनशास्त्र ) लेखन विधा :- लघुकथा ,कहानी ,कविता,व्यंग्य,पत्र,लेख दैनिक भास्कर मधुरिमा , दैनिक जागरण , साहित्य अमृत, मृगमरीचिका, साधव्यूज, साहित्य सरोज ,परतों की पड़ताल , लोकजंग ,दैनिक अकुंर , नवप्रदेश ,अट्टहास , दैनिक मैट्रो ,साफ्ताहिक अकोदिया सम्राट ,प्रतिलिपि ,योर कोट्स ,मातृ भारती ,स्टोरी मिरर, हिन्दी रचना संसार , हैक जिन्दगी , साहित्यपीडिया , किस्सा कृति , सत्य की मशाल ,आगमन ,गृहलक्ष्मी , पर रचनाएं प्रकाशित प्रकाशित कृतियाँँ :- बूँद - बूँद सागर ( लघुकथा संग्रह ) , फलक ( लघुकथा संग्रह ),अपने अपने क्षितिज ( लघुकथा संग्रह ),काव्य सुरभि ( काव्य संग्रह ) सम्पादित कृति :- स्वप्नगंधा काव्य संग्रह फोन :- 9410405901 ईमेल:- [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Madabhushi Rangraj Iyengar
    17 जुलाई 2018
    कहानी अच्छी है.. भाषा की पकड से और बेहतर हो सकती है. भाषा पर कुछ काम करें
  • author
    Mamta Upadhyay
    25 जनवरी 2020
    लाजबाब
  • author
    Rajeev Saxena
    28 सितम्बर 2020
    बहुत ही सुंदर कहानी है सहायता करना सबसे बड़ा धर्म है। अंत में प्यार को एक बहन भाई की मंजिल मिली, शुभकामनाएं।
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    Madabhushi Rangraj Iyengar
    17 जुलाई 2018
    कहानी अच्छी है.. भाषा की पकड से और बेहतर हो सकती है. भाषा पर कुछ काम करें
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    Mamta Upadhyay
    25 जनवरी 2020
    लाजबाब
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    Rajeev Saxena
    28 सितम्बर 2020
    बहुत ही सुंदर कहानी है सहायता करना सबसे बड़ा धर्म है। अंत में प्यार को एक बहन भाई की मंजिल मिली, शुभकामनाएं।