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Ye ganga ka kinara hai

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शिवालिक से धरा को धन्य कर हरिद्वार तक आई... हमारी माँ, हमारे लोक के स्वीकार तक आई... तपस्वी राम के चरणों चढ़ीं उपहार तक आई... गले मिल कृष्ण यमुना से ये संगम पार तक आई.. बनारस में इसे शिव ने.. ...

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Harshit Singh

Environmental science student

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