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यादों का जेठ

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3.9

जेठ का माह अभी एक पक्ष दूर था लेकिन चिलचिलाती धुप से मानो ये धरती कपोला भट्टी में परिवर्तित हो गयी हो हर जगह सिर्फ तपस, आग की बरखा, फाइनल सेमिस्टर का परीक्षा भी सर पे तांडव करने के लिए अपनी सभी ...