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यादों का जेठ

3.9
2335

जेठ का माह अभी एक पक्ष दूर था लेकिन चिलचिलाती धुप से मानो ये धरती कपोला भट्टी में परिवर्तित हो गयी हो हर जगह सिर्फ तपस, आग की बरखा, फाइनल सेमिस्टर का परीक्षा भी सर पे तांडव करने के लिए अपनी सभी ...

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लेखक के बारे में
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श्याम झा

मैकेनिकल इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट से अध्ययन कर , दिल्ली में सोलर पॉवर प्रोजेक्ट में कार्यगत। साहित्य से प्रेम खासकर मैथिली भाषा से। एस्ट्रोलॉजी से दो वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त कर विज्ञान साहित्य और जनमानस को जानने का अभिलाषा लिए जी रहा हूँ। इसलिए आप लोगों से बहुत कुछ सीखता हुँ। [email protected] 9013913789 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    निजा
    20 दिसम्बर 2017
    जेठ माह का प्यार बखूबी से आपने प्रस्तुत किया है. और भी आपसे उम्मीद है.
  • author
    Vinita Thakur
    20 सितम्बर 2018
    बहुत बढ़िया
  • author
    Sharvan Sharma
    14 मई 2018
    bhut achi lagi
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    निजा
    20 दिसम्बर 2017
    जेठ माह का प्यार बखूबी से आपने प्रस्तुत किया है. और भी आपसे उम्मीद है.
  • author
    Vinita Thakur
    20 सितम्बर 2018
    बहुत बढ़िया
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    Sharvan Sharma
    14 मई 2018
    bhut achi lagi