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वो अंक तेरा माँ

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माँ अंक तेरा,था आलीशाना ठौर मेरा।जिंदगी का वो फ़साना मोर जरा।।आज आंधी आई है,न कोई है सहारा।आज भवर में फांसी हु,कोई तीर है न मेरा।कल थी तेरी तरंगिनि में,एक मीन मय बन कर,वही था आलीशान ठौर मेरा।।आज मीत ...

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mayank sahay
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