pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

व्यर्थ चिंता है जीवन की

56
5

व्यर्थ चिंता है जीवन की व्यर्थ है मृत्यु का भय आत्मा को न मार पाते शस्त्र अग्नि और समय निश्चिंत हो रहती है अविचल आ जाए चाहे प्रयल आत्मा को न मार पाते शस्त्र अग्नि और समय किस हेतु तू शोक से ...