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व्यर्थ चिंता है जीवन की

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व्यर्थ चिंता है जीवन की व्यर्थ है मृत्यु का भय आत्मा को न मार पाते शस्त्र अग्नि और समय निश्चिंत हो रहती है अविचल आ जाए चाहे प्रयल आत्मा को न मार पाते शस्त्र अग्नि और समय किस हेतु तू शोक से ...

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लेखक के बारे में
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विशाल शर्मा
समीक्षा
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    20 दिसम्बर 2018
    बहुत अच्छी रचना है।
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    20 दिसम्बर 2018
    बहुत अच्छी रचना है।