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विश्वासघात

4.5
32362

सामर्थ्य बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छा था। हर कक्षा में प्रथम , हर प्रतियोगिता में आगे। माता - पिता को उसकी पढ़ाई के खर्चे के बारे में नहीं सोचना पड़ता था क्योंकि उसे हर वर्ष स्कॉलरशिप जो मिल जाती ...

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लेखक के बारे में

Hindi fiction writer with 700k readers, 3k followers. Author of Hindi story book "प्रेम संस्मृति" and "विचार गाथा".

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    satish kumat
    14 दिसम्बर 2016
    डॉ साहब जैसे कितने लोग हे हमारे देश में
  • author
    Anjali
    04 मई 2017
    bahut hi bdhiya ye khani pdhkr bahut hi khshi hui sb aise hi sch rkhe to desh ka vikas jld se sambhw h.
  • author
    Saroj Bala Soni
    28 अक्टूबर 2019
    आजकल ऐसी परिस्थितियों के कारण तमाम सामाजिक समस्याएं हो रहीं है, बुजुर्गो का एकाकीपन, बच्चो को अपने परिवार, देश को ना जान पाना आदि। विदेश जाना अच्छी बात है पर वहीं बस जाना और माता पिता को अकेला छोड़ देना सही नहीं है ।
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    satish kumat
    14 दिसम्बर 2016
    डॉ साहब जैसे कितने लोग हे हमारे देश में
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    Anjali
    04 मई 2017
    bahut hi bdhiya ye khani pdhkr bahut hi khshi hui sb aise hi sch rkhe to desh ka vikas jld se sambhw h.
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    Saroj Bala Soni
    28 अक्टूबर 2019
    आजकल ऐसी परिस्थितियों के कारण तमाम सामाजिक समस्याएं हो रहीं है, बुजुर्गो का एकाकीपन, बच्चो को अपने परिवार, देश को ना जान पाना आदि। विदेश जाना अच्छी बात है पर वहीं बस जाना और माता पिता को अकेला छोड़ देना सही नहीं है ।