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विश्वास

4.2
56630

बहुत घनी काली अँधेरी रात थी हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था आसमान में घने काले बादल छाये थे बहुत तेज़ हवाएँ चल रहीं थीं। दूर दूर तक अँधेरा सपाट मैदान था उनमें इक्का दुक्का पेड़ भयानक लग रहे थे। कच्ची ...

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लेखक के बारे में
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कविता वर्मा

मैं इंदौर से कविता वर्मा कहानियाँ कविताएँ उपन्यास लेख लिखती हूँ। मुझे लघुकथा बाल साहित्य और कहानी संग्रह के लिए अखिल भारतीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुके हैं और अभी मध्यप्रदेश का प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान वागीश्वरी पुरस्कार मेरे कहानी संग्रह कछु अकथ कहानी को मिला है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dharmendra Bhatt
    01 ஆகஸ்ட் 2020
    सत्य है या सपना पर कुछ ऐसा भी है जो हमें मानना पड़ेगा,रोचक बढ़िया कहानी.
  • author
    अपर्णा साह
    16 பிப்ரவரி 2016
    vishwas shayad insani jindgi ka sabse bada aadhar hai .klpana bhi jahan falibhut ho jati hai.achhi kathank ko sundar shabdon me guna gaya hai.
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    Dharmendra Bhatt
    01 ஆகஸ்ட் 2020
    सत्य है या सपना पर कुछ ऐसा भी है जो हमें मानना पड़ेगा,रोचक बढ़िया कहानी.
  • author
    अपर्णा साह
    16 பிப்ரவரி 2016
    vishwas shayad insani jindgi ka sabse bada aadhar hai .klpana bhi jahan falibhut ho jati hai.achhi kathank ko sundar shabdon me guna gaya hai.