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विजय की राख

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यह कविता युद्ध की भयावहता और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न पीड़ा को उजागर करती है। कवि ने युद्ध को "विजय" के रूप में नहीं, बल्कि "विजय की राख" के रूप में प्रस्तुत किया है, जो यह दर्शाता है कि युद्ध ...

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लेखक के बारे में
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Nina Apra

AUTHOR OF 6 BEST SELLERS, HEALER OF MIND, BODY, SOUL, TED X SPEAKER, POETESS, SINGER, COMEDIAN, BLOGGER, DREAMER, DOER, BELIEVER IN THE IMPOSSIBLE, SEASONED ANESTHETIST, CPR & COLS TRAINER, ACADEMICIAN WITH MANY ACCOLADES IN HER NAME

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