इस कहानी के नायक कालीचरण माथुर, जो खुद को के.सी. माथुर कहना पसंद करता है, में ऐसा एक भी गुण नहीं कि उसे नायक का दर्जा दिया जाए। लेकिन इसमें मैं क्या कर सकता हूँ कि जो कहानी मैं लिखने जा रहा हूँ वह ...
इस कहानी के नायक कालीचरण माथुर, जो खुद को के.सी. माथुर कहना पसंद करता है, में ऐसा एक भी गुण नहीं कि उसे नायक का दर्जा दिया जाए। लेकिन इसमें मैं क्या कर सकता हूँ कि जो कहानी मैं लिखने जा रहा हूँ वह ...