संस्कृत में एक वाक्य जो हमेशा हमें हौंसला देती रही, वह वाक्य है - ‘वीर भोग्या वसुंधरा' । अकसर मैं जहाँ बैठता वहाँ यह वाक्य जरूर लिखा होता। मेरी हर पुस्तक या फिर नोट बुक पर ये मिल जाएगा। मेरे साथी ...
संस्कृत में एक वाक्य जो हमेशा हमें हौंसला देती रही, वह वाक्य है - ‘वीर भोग्या वसुंधरा' । अकसर मैं जहाँ बैठता वहाँ यह वाक्य जरूर लिखा होता। मेरी हर पुस्तक या फिर नोट बुक पर ये मिल जाएगा। मेरे साथी ...