वासना मन को ज़कड़ती है, शरीर को थकाती है और बुद्धि को क्षीण करती है। वासना में आसक्ति होने से जड़ता आती है और इसको दबाने से क्रोध आता है। वासना कुछ और नहीं, केवल अनियन्त्रित आदि ऊर्जा ...
वासना मन को ज़कड़ती है, शरीर को थकाती है और बुद्धि को क्षीण करती है। वासना में आसक्ति होने से जड़ता आती है और इसको दबाने से क्रोध आता है। वासना कुछ और नहीं, केवल अनियन्त्रित आदि ऊर्जा ...